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शनिवार, 1 दिसंबर 2018

ब्रह्म मुहूर्त का ही विशेष महत्व क्यों? | BRAHAMMUHURTA KA VISHESH MAHATVA KYON? | MORNING VISHESH | SANTMAT-SATSANG

ब्रह्म मुहूर्त का ही विशेष महत्व क्यों ?

रात्रि के अंतिम प्रहर को ब्रह्म मुहूर्त कहते हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय निद्रा त्याग के लिए सर्वोत्तम है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। सूर्योदय से चार घड़ी (लगभग डेढ़ घण्टे) पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में ही जग जाना चाहिये। इस समय सोना शास्त्र निषिद्ध है।
आयुर्वेद के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने से शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। यही कारण है कि इस समय बहने वाली वायु को अमृततुल्य कहा गया है। इसके अलावा यह समय अध्ययन के लिए भी सर्वोत्तम बताया गया है क्योंकि रात को आराम करने के बाद सुबह जब हम उठते हैं तो शरीर तथा मस्तिष्क में भी स्फूर्ति व ताजगी बनी रहती है। प्रमुख मंदिरों के पट भी ब्रह्म मुहूर्त में खोल दिए जाते हैं तथा भगवान का श्रृंगार व पूजन भी ब्रह्म मुहूर्त में किए जाने का विधान है।
वाल्मीकि रामायण के मुताबिक, जब माता सीता को ढूंढते हुए श्रीहनुमान ब्रह्ममुहूर्त में ही अशोक वाटिका पहुंचे। जहां उन्होंने वेद व यज्ञ के ज्ञाताओं के मंत्र उच्चारण की आवाज सुनी। सुबह जल्दी उठने से प्राप्त होते हैं ये पांच लाभ…
वर्णं कीर्तिं मतिं लक्ष्मीं स्वास्थ्यमायुश्च विदन्ति।
ब्राह्मे मुहूर्ते संजाग्रच्छि वा पंकज यथा॥

अर्थात – ब्रह्म मुहूर्त में उठने से व्यक्ति को

1.सुंदरता,
2. लक्ष्मी,
3. बुद्धि,
4. स्वास्थ्य,
5.आयु
आदि की प्राप्ति होती है। ऐसा करने से शरीर कमल की तरह सुंदर हो जाता है।
क्या लिखा है शास्त्रों में?  वेदों में भी ब्रह्म मुहूर्त में उठने का महत्व और उससे होने वाले लाभ का उल्लेख किया गया है।
प्रातारत्नं प्रातरिष्वा दधाति तं चिकित्वा प्रतिगृह्यनिधत्तो।
तेन प्रजां वर्धयुमान आय रायस्पोषेण सचेत सुवीर:॥

– ऋग्वेद-1/125/1

अर्थात- सुबह सूर्य उदय होने से पहले उठने वाले व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसीलिए बुद्धिमान लोग इस समय को व्यर्थ नहीं गंवाते। सुबह जल्दी उठने वालाव्यक्ति
स्वस्थ, सुखी, ताकतवाला और दीर्घायु होता है।
यद्य सूर उदितोऽनागा मित्रोऽर्यमा।
सुवाति सविता भग:॥–

सामवेद-35

अर्थात- व्यक्ति को सुबह सूर्योदय से पहले शौच व स्नान कर लेना चाहिए। इसके बाद भगवान की पूजा-अर्चना करना चाहिए। इस समय की शुद्ध व निर्मल हवा से स्वास्थ्य और संपत्ति की वृद्धि होती है।
उद्यन्त्सूर्यं इव सुप्तानां द्विषतां वर्च आददे।

अथर्ववेद- 7/16/२

अर्थात- सूरज उगने के बाद भी जो नहीं उठते या जागते उनका तेज खत्म हो जाता है। अच्छे स्वास्थ्य का रहस्य
हमारे धर्मग्रंथों में ब्रह्म मुहूर्त में उठने का सबसे बड़ा लाभ अच्छा स्वास्थ्य बताया गया है। क्या है इसका रहस्य? दरअसल सुबह चार बजे से साढ़े पांच बजे तक वायुमंडल में यानी हमारे चारों ओर ऑक्सीजन अधिक होती है।
वैज्ञानिक खोजों में भी पता चला है कि इस समय ऑक्सी जन गैस की मात्रा अधिक होती है। सूर्योदय के बाद वायु मंडल में ऑक्सीजन कम होने लगती है और कार्बन डाई आक्साइड बढऩे लगती है। ऑक्सीजन हमारे जीवन का आधार है। शास्त्रों में इसे प्राणवायु कहा गया है। ज्यादा ऑक्सीजन मिलने से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। इसलिए मिलती है सफलता व समृद्धि ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति सफल, सुखी और समृद्ध होता है, क्यों? क्योंकि जल्दी उठने से दिनभर के कार्यों और योजनाओं को बनाने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है। इसलिए न केवल जीवन सफल होता है। शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने वाला हर व्यक्ति सुखी और समृद्ध हो सकता
है। इस कारण वह जो काम करता है, उसमें प्रगति होती है। विद्यार्थी परीक्षा में सफल रहता है। नौकरी करने वाले से प्रबंधक खुश रहता है। बिजनेसमैन अच्छी कमाई कर सकता है। सफलता उसी के कदम चूमती है जो समय
का सदुपयोग करे और स्वस्थ रहे। अत: स्वस्थ और सफल रहना है तो ब्रह्म मुहूर्त में उठें। शरीर रहता है स्वस्थ ब्रह्म मुहूर्त में उठना हमारे जीवन के लिए बहुत लाभकारी है। इससे हमारा शरीर स्वस्थ होता है और दिनभर स्फूर्ति बनी रहती है। स्वस्थ रहने और सफल जीवन का यह ऐसा
उपाय है, जिसमें खर्च कुछ नहीं होता। केवल आलस्य छोड़ने की जरुरत है।                                            

ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति *********
ब्रह्म मुहूर्त और प्रकृति का गहरा नाता है। इस समय में पशु-पक्षी जाग जाते हैं। उनका मधुर कलरव शुरू होजाता है। कमल का फूल भी खिल उठता है। मुर्गे बांग देने लगते हैं। एक तरह से प्रकृति भी ब्रह्म मुहूर्त में चैतन्य हो जाती है। यह प्रतीक है उठने, जागने का। प्रकृति हमें संदेश देती है ब्रह्म मुहूर्त में उठने के लिए।
। जय गुरु महाराज।
सौजन्य: *महर्षि मेँहीँ सेवा ट्रस्ट*
प्रस्तुति: शिवेन्द्र कुमार मेहता, गुरुग्राम
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