आदमी को, स्वाभाविक रूप से, एक शाकाहारी होना चाहिए, क्योंकि पूरा शरीर शाकाहारी भोजन के लिए बना है। वैज्ञानिक इस तथ्य को मानते हैं कि मानव शरीर का संपूर्ण ढांचा दिखाता है कि आदमी गैर-शाकाहारी नहीं होना चाहिए। आदमी बंदरों से आया है। बंदर शाकाहारी हैं, पूर्ण शाकाहारी। अगर डार्विन सही है तो आदमी को शाकाहारी होना चाहिए।
अब जांचने के तरीके हैं कि जानवरों की एक निश्चित प्रजाति शाकाहारी है या मांसाहारी: यह आंत पर निर्भर करता है, आंतों की लंबाई पर। मांसाहारी पशुओं के पास बहुत छोटी आंत होती है। बाघ, शेर इनके पास बहुत ही छोटी आंत है, क्योंकि मांस पहले से ही एक पचा हुआ भोजन है। इसे पचाने के लिये लंबी आंत की जरूरत नहीं है। पाचन का काम जानवर द्वारा कर दिया गया है। अब तुम पशु का मांस खा रहे हो। यह पहले से ही पचा हुआ है, लंबी आंत की कोई जरूरत नहीं है। आदमी की आंत सबसे लंबी है: इसका मतलब है कि आदमी शाकाहारी है। एक लंबी पाचनक्रिया की जरूरत है, और वहां बहुत मलमूत्र होगा जिसे बाहर निकालना होगा।
शाकाहार हमें कई सारी खतरनाक बीमारियों जैसे कैंसर, दिल की बीमारी व टाईप-2 डायबिटीज से बचाता है और मष्तिष्क के स्वास्थ्य को बल देता है। ये बात उन लोगों के लिए सत्यपरक तथ्य है , जो मांसाहार की वकालत करते नहीं थकते। शोध अध्ययनों के क्रमों में लगातार प्राप्त प्रमाण कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। 1970 एवं 1980 में अमेरीका केलीफोर्निया स्थित लोमा लिंडा विश्वविद्यालय ने लगभग दस हजार ऐसे लोगों की जीवनशैली में खान-पान को गहराई से देखा और परिणाम कुछ ऐसा मिला की शाकाहारी लोग मांसाहारी की तुलना में लम्बी आयु जीने वाले पाए गए।
अध्ययन के अंत तक लगभग 96,000 लोगों को इस शोध में शामिल किया जा चुका था। इस शोध को एकेडमी ऑफ न्यूट्रीशन एंड डायटिक्स के 2012 के कांफ्रेंस में प्रस्तुत किया जा चुका है। इस अध्ययन के अनुसार शाकाहारी पुरुषों में औसत आयु 83.3 एवं महिलाओं में आयु 85.7 वर्ष पाई गई।यह मांस भक्षण करने वाले पुरुषों और महिलाओं की तुलना में क्रमश: 9.5 एवं 6.1 वर्ष अधिक है।इस अध्ययन में यह भी पाया गया की मांसाहारी लोगों का मोटापे को मापने का स्केल बी.एम.आई .शाकाहारियों की अपेक्षा तीस पाउंड कम पाया गया। इतना ही नहीं आगे के परिणाम तो कुछ और भी चौकाने वाले थे,मांसाहारियों की अपेक्षा शाकाहारियों में इंसुलिन प्रतिरोध की संभावना भी कम पायी गयी तो मांसाहारी हो जाएं सावधान अब फल और सब्जियां ही करेंगी हमारा कल्याण।
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