यह ब्लॉग खोजें

मंगलवार, 12 जून 2018

गुरु नानक के बालपन की एक घटना | Guru Nanak ke baalpan ki ghatna | Guru Nanak | Baba-Nanak | Santmat-Satsang

गुरु नानक के बालपन की एक घटना।

बालक नानक छोटे ही थे। छोटे छोटे पैरों से चलते हुए किसी अन्य मोहल्ले में पहुँच गये एक घर के बरामदे में बैठी एक औरत विलाप कर रही थी। विलाप बहुत बुरी तरह से हो रहा था। नानक के बाल मन पर गहरा असर हुआ ।नानक बरामदे में भीतर चले गये ।तो देखा कि महिला की गोद में एक नवजात शिशु था ।
बालक नानक ने महिला से बुरी तरह विलाप करने का कारण पुछा ।
महिला ने उत्तर दिया , " पुत्र हुआ है, मेरा अपना लाल है ये,
इसके और अपने दोनों के नसीबों को रो रही हूँ । कहीं और जन्म ले लेता , कुछ दिन जिन्दगी जी लेता । पर अब ये मर जायेगा । इसी लिए रो रही हूँ कि ये बिना दुनिया देखे ही मर जायेगा ।"  नानक ने पुछा , " आपको किसने कहा कि ये मर जायेगा " ? महिला ने जवाब दिया , " इस से पहले जितने हुए , कोई नही बचा ।"
नानक आलती पालती मार कर जमीन पर बैठ गये और बोले, "ला इसे मेरी गोद में दे दो।"
महिला ने नवजात को नानक की गोद में दे दिया।
नानक बोले, "इसने तो मर जाना है न" ?
महिला ने हाँ में जवाब दिया तो नानक बोले , "आप इस बालक को मेरे हवाले कर  दो, इसे मुझे दे दो"।
महिला ने हामी भर दी।
नानक ने पुछा "आपने इसका नाम क्या रखा है ? "
महिला से जवाब मिला "नाम क्या रखना था, इसने तो मर जाना है इस लिए इसे मरजाना कह कर ही बुलाती हूँ । "
"पर अब तो ये मेरा  हो गया है न" ? नानक ने कहा।
महिला ने हाँ में सिर हिला कर जवाब दिया ।
"आपने इसका नाम रखा मरजाना, अब ये मेरा हो गया है, इसलिये मै इसका नाम रखता हूँ मरदाना (हिंदी में मरता न)।"
नानक आगे बोले, "अब ये है मेरा, मै इसे आपके हवाले करता हूँ । जब मुझे इसकी जरूरत होगी, मै इसे ले जाऊँगा"।
नानक ने बालक को महिला को वापिस दिया और बाहर निकल गये । बालक की मृत्यु नही हुई ।
छोटा सा शहर था, शहर के सभी मोहल्लों में बात आग की तरह फ़ैल गयी।
यही बालक गुरु नानक का परम मित्र तथा शिष्य था । सारी उम्र उसने बाबा नानक की सेवा में ही गुजारी । गुरु नानक के साथ मरदाना का नाम आज तक जुड़ा है तथा जुड़ा रहेगा।
।। जय गुरु ।।
प्रस्तुति: शिवेन्द्र कुमार मेहता, गुरुग्राम

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

धन्यवाद!

सब कोई सत्संग में आइए | Sab koi Satsang me aaeye | Maharshi Mehi Paramhans Ji Maharaj | Santmat Satsang

सब कोई सत्संग में आइए! प्यारे लोगो ! पहले वाचिक-जप कीजिए। फिर उपांशु-जप कीजिए, फिर मानस-जप कीजिये। उसके बाद मानस-ध्यान कीजिए। मा...