।। श्री सद्गुरवे नमः ।।
| गुरुनानक देव जी की जयन्ती |
गुरूनानक देव सिखों के प्रथम गुरु (आदि गुरु) हैं। ये संत सद्गुरु, योगी, दार्शनिक, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु- सभी के गुण समेटे हुए थे।
गुरुनानक देव जी के बचपन में कई चमत्कारिक घटनाएं घटी, जिन्हें देखकर गांव के लोग इन्हें दिव्य व्यक्तित्व मानने लगे।
इन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को मिटाने का प्रयास किया एवं ईश्वर भक्ति का संदेश दिया। गुरुनानक देवजी के दोहों में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र छिपे हैं जो आज के समय में भी प्रासंगिक हैं।
साचा साहिबु साचु नाइ भाखिआ भाउ अपारू।
आखहि मंगहि देहि देहि दाति करे दातारू।
प्रभु सत्य एवं उसका नाम सत्य है। अलग अलग विचारों एवं भावों तथा बोलियों में उसे भिन्न भिन्न नाम दिये गये हैं।
प्रत्येक जीव उसके दया की भीख मांगता है, तथा सब जीव उसके कृपा का अधिकारी है, और वह भी हमें अपने कर्मों के मुताबिक अपनी दया प्रदान करता है। -गुरुनानक देव जी
उनके परम पावन जयन्ती पर कोटि-कोटि नमन् ।
।। जय गुरु ।।
प्रस्तुति: शिवेन्द्र कुमार मेहता
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