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गुरुवार, 24 जनवरी 2019

जीवन का मूल्य क्या है? | Jeevan ka mulya kya hai | Santmat-Satsang

एक आदमी ने भगवान बुद्ध से पुछा : जीवन का मूल्य क्या है ?
बुद्ध ने उसे एक Stone दिया और कहा : जा और इस stone का मूल्य पता करके आ, लेकिन ध्यान रखना stone को बेचना नही है।

वह आदमी stone को बाजार मे एक संतरे वाले के पास लेकर गया और बोला : इसकी कीमत क्या है ?
संतरे वाला चमकीले stone को देखकर बोला, "12 संतरे
लेजा और इसे मुझे दे जा"
आगे एक सब्जी वाले ने उस चमकीले stone को देखा और कहा "एक बोरी आलू ले जा और इस stone को मेरे पास छोड़ जा"
आगे एक सोना बेचने वाले के पास गया उसे stone दिखाया सुनार उस चमकीले stone को देखकर बोला, "50 लाख में बेच दे"।
उसने मना कर दिया तो सुनार बोला "2 करोड़ में दे दे
या बता इसकी कीमत जो माँगेगा वह दूँगा तुझे..
उस आदमी ने सुनार से कहा मेरे गुरू ने इसे बेचने से मना किया है l
आगे हीरे बेचने वाले एक जौहरी के पास गया उसे stone दिखाया।
जौहरी ने जब उस बेसकीमती रुबी को देखा, तो पहले उसने रुबी के पास एक लाल कपडा बिछाया, फिर उस
बेसकीमती रुबी की परिक्रमा लगाई माथा टेका, फिर जौहरी बोला, "कहा से लाया है ये बेसकीमती रुबी ? सारी कायनात, सारी दुनिया को बेचकर भी
इसकी कीमत नहीं लगाई जा सकती, ये तो बेसकीमती है।"
वह आदमी हैरान परेशान होकर सीधे बुद्ध के पास आया।
अपनी आप बिती बताई और बोला "अब बताओ भगवन, मानवीय जीवन का मूल्य क्या है ?
बुद्ध बोले :
संतरे वाले को दिखाया उसने इसकी कीमत "12 संतरे" की बताई।
सब्जी वाले के पास गया उसने इसकी कीमत "1 बोरी आलू" बताई।
आगे सुनार ने "2 करोड़" बताई, और जौहरी ने इसे "बेसकीमती" बताया।
अब ऐसा ही मानवीय मूल्य का भी है।
तू बेशक हीरा है..!! लेकिन, सामने वाला तेरी कीमत, अपनी औकात - अपनी जानकारी - अपनी हैसियत से
लगाएगा।
घबराओ मत दुनिया में.. तुझे पहचानने वाले भी मिल जायेंगे।

Respect Yourself,
You are very Unique..

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