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रविवार, 23 मई 2021

दूसरे का दोष कभी नहीं देखना चाहिए | Dusre ke dosh ko nahi dekhna chahiye | One should not see the fault of the other | SELF-THINKING

दूसरे का दोष कभी नहीं देखना चाहिए! पर-दोष दर्शन नहीं, हम आत्म-सुधार करें! पर-दोष दर्शन में स्व-दोष दर्शन का सामर्थ्य व जीवन में भावी आत्म-सुधार की संम्भावना खो जाती है! 


 जहाँ आत्म-चिंतन व आत्म-सुधार की प्रवृति है, वहाँ से ही आत्म-मिलन की राह है!


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