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रविवार, 23 मई 2021

कभी झूठ मत बोलिए | -महर्षि मेँहीँ | Kabhi jhooth mat boliye | Maharshi Mehi Paramhans Ji Maharaj | Santmat Satsang

कभी झूठ मत बोलिये। 
झूठ सदाचारिक जीवन में प्रधान दूषण है। इस दूषण को हटाइये। मान-अपमान में सम रहिये, संतमत यही बतलाता है। गरीब-अमीर कोई रहो, दु:ख से रहित कोई नहीं है। दु:ख है जनमना और मरना। यह दु:ख भजन करने से, सदाचार का पालन करने से छूट जाता है।
विद्वान् होते हुए सदाचारी बनें, इन्द्रियों को वश में करके रखें, यह विशेष ऊँची बात है। विद्वान् होने से संसार में प्रतिष्ठित होते हैं और सदाचारी होकर रहने से ईश्वर के यहाँ प्रतिष्ठित होते हैं। हमारे यहाँ के ऋषियों ने इसी को विशेष प्रतिष्ठा दी है।

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