अवध तहाँ जहँ राम निवासू। तहँइँ दिवसु जहँ भानु प्रकासू॥
जौं पै सीय रामु बन जाहीं। अवध तुम्हार काजु कछु नाहीं॥
श्रीराम का जीवन अनुकरणीय!🌼
भगवान राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। अपनी मर्यादा के पालन में उन्होंने बहुत दुख सहे। पिता की आज्ञा का पालन हो या जनता की आवाज पर पत्नी का त्याग, उन्होंने मर्यादा का पालन कर समाज को अनुपम संदेश दिया है। आज लोग (खासकर युवक) अपने पथ से विचलित होता जा रहा है। माता पिता की अवज्ञा दिशा हीनता व जीवन में गलत लक्ष्यों का निर्धारण कर कुंठित व परेशान है। ऐसे में प्रभु श्रीराम का जीवन दर्शन युवाओं के लिए अनुकरणीय है।
राम के चरित्र के कोटिवां अंश के श्रवण मात्र से तथा धारण कर लेने से पूरे समाज की दिशा परिवर्तन हो सकता है।राम जन-जन के थे, वे शबरी के राम थे, निषाद राज के राम थे तथा भाई के द्वारा तिरस्कृत विभीषण के लिए भी राम थे। समाज में ऊंच-नीच जाति धर्म का कोई बंधन व भेदभाव न रहे इसके लिए उन्होंने आम जनों की भांति जंगल में वास किया। गुरु के पैर दबाए तथा कुश पर शयन किया। अधर्म के नाश के लिए उन्होंने रावण जैसे महापापी का संहार भी किया। राम की कथा व राम का चरित्र वर्तमान में समाज के लिए उपयोगी ही नहीं अनिवार्य है।
🙏🌼🌿।। जय गुरु महाराज ।।🌿🌼🙏